दूरियों से फर्क पड़ता नहींबात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती हैदोस्ती तो कुछ आप जैसो से हैवरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती हैदिल से खेलना हमे आता नहींइसलिये इश्क की बाजी हम हार गएशायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हेंइसलिये मुझे जिंदा ही मार गएमना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,कोई करता है तो इल्जाम देते है।कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,बात कहके तो कोई भी समझलेता है,पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
ReplyDeleteबात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,